शक्तिपीठों में सभी ने दर्शन किए और देर शाम आरती में शामिल होकर मां गंगा से मनोवांछित फल की कामना की। रविवार और सोमवार को अवकाश के चलते दिल्ली, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हिमाचल और अन्य जगहों से लोग शनिवार शाम से ही हरिद्वार पहुंचने लगे थे।
इससे शहर के होटल, लॉज और धर्मशाला पैक हो गए हैं। रविवार सुबह ही गंंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ पहुंच गई। सभी ने स्नान दान के साथ अनुष्ठान किए। हरकी पैड़ी पर देर शाम भारी भीड़ दिखी। गंगा आरती के समय घाट पर बैठने तक की जगह नहीं मिल पाई।
अधिकांश श्रद्धालुओं ने ब्रिज और सड़क से ही भव्य आरती के दर्शन किए। गंगा स्नान कर श्रद्धालुओं ने शक्तिपीठ मनसा देवी, चंडी देवी ओर माया देवी मंदिर में दर्शन किए। दिव्य दर्शन के साथ ही श्रद्धालुओं ने गंगा तट पर 365 दीपों की जोत जलाकर चतुर्थी की पूजा की।
कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर्व और सोमवार के कारण कनखल स्थित दक्ष मंदिर, विल्वकेश्वर मंदिर, नीलेश्वर महादेव मंदिर आदि जगहों पर मंदिर प्रबंधन और पुलिस-प्रशासन की ओर से विशेष व्यवस्था की गई है। दक्ष मंदिर के महंत व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुर महाराज ने बताया कि मंदिर में किसी प्रकार की समस्या श्रद्धालुओं को नहीं होगी। गंगा स्नान के बाद बड़ी संख्या में लोग भगवान शिव का जलाभिषेक करेंगे।कार्तिक पूर्णिमा स्नान को लेकर शहर को जाम से बचाने के लिए जहां रूट डायवर्जन किया गया है। वहीं, रविवार को ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज परिसर में नोडल, जोनल और सेक्टर मजिस्ट्रेट की बैठक भी की गई। एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार ने बताया कि हाईवे से वाहनों को सुचारू रखने के लिए विशेष निर्देश दिए गए हैं।