आदिबदरी मंदिर के कपाट पौष माह में बंद रहने के बाद रविवार को मंत्रोच्चार के साथ सुबह पांच बजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। इसी के साथ एक सप्ताह का आदिबदरीनाथ का महाभिषेक समारोह, शीतकालीन पर्यटन एवं सांस्कृतिक विकास मेला भी शुरू हो गया।
रविवार को सबसे पहले पुजारी चक्रधर थपलियाल ने सर्वप्रथम आदिबदरीनाथ जी को सप्तशिंधु के जल से स्नान कराया। फिर उनका क्रीट, मुकुट, छत्र, पीत वस्त्र, फूलों के हार व रोली कुमकुम से श्रृंगार किया और इसके बाद श्रद्धालुओं के लिए कपाट खोल दिए गए। उसके बाद भगवान को फल-फूल, दूध, घृत का भोग लगाया व पंचज्वाला आरती उतारी।
गढ़वाल राइफल कीर्तन मंडप में जिला पंचायत सदस्य विनोद नेगी ने मेले का उद् घाटन किया।महाभिषेक समारोह में एक सप्ताह तक चलने वाले श्रीमद्भागवत कथा पुराण के प्रथम दिन कथा वाचक आचार्य रोहित मैखुरी ने श्रीमद्भागवत कथा के महात्म्य पर प्रकाश डाला