ऋषभ को घटनास्थल से जब स्थानीय अस्पताल की ओर ले जाया जा रहा था तो एंबुलेंस में उनकी पुलिस अफसरों से बात हुई। ऋषभ ने एक पुलिस अफसर को बताया कि उन्हें बिल्कुल याद नहीं कि वे कैसे कार से बाहर निकले। अमर उजाला ने एसपी देहात स्वप्न किशोर सिंह से इस बारे में विस्तार से बात की। ऋषभ कार से बाहर कैसे निकले? इस सवाल पर सिंह ने कहा कि ऋषभ इतने ट्रामा में थे कि उन्हें कुछ भी याद नहीं। बताया गया कि इस तरह की कारों में आमतौर पर फ्लैश ऑफ सेकेंड्स में आग लग जाती है। कार में आग लगने से पहले ऋषभ दरवाजा खोलकर खुद बाहर आ गए? इस पर पुलिस सूत्रों का कहना है कि कार में जिस तरह से भयानक आग लगी, उससे किसी और के कार तक जाने और ऋषभ को निकालने की गुंजाइश नहीं दिखती।उन्होंने कहा कि जो हालात हैं, उससे तो यही लगता है कि हादसे का सदमा झेल रहे ऋषभ खुद कार से बाहर निकले होंगे या किसी ने उन्हें निकाला भी होगा तो वह हादसे के तुरंत बाद आग लगने से पहले कार तक पहंच गया होगा क्योंकि, डिवाइडर तोड़कर दूसरी तरफ सड़क के छोर पर पहुंचते ही कार को आग की लपटों ने घेर लिया था। बीसीसीआई के मुताबिक, ऋषभ के माथे पर दो कट लगे हैं, उनके दाहिने घुटने में लिगामेंट फट गया है और उनकी दाहिनी कलाई, टखने, पैर के अंगूठे में भी चोट लगी है और उनकी पीठ पर घिसने की चोट लगी है।