केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने हाल ही में नेशनल मोनेटाइजेशन पाइललाइन की घोषणा की है। इसे लेकर सरकार का कहना है कि इसके तहत ट्रेन, रेलवे स्टेशन, लेकर हवाई अड्डे, और सड़क जैसी बुनियादी ढांचों के क्षेत्र में निजी कंपनियों को शामिल किया जाएगा तथा संसाधन जुटाया जाएगा और संपत्तियों का विकास होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साफ किया था कि संपत्ति का स्वामित्व सरकार के पास बना रहेगा और एक निश्चित समय के बाद उनका नियंत्रण लौटाना अनिवार्य होगा।
लेकिन अब सरकार की इस योजना को लेकर कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने गुरुवार को नरेंद्र मोदी सरकार को घेरा है। पवन खेड़ा ने कहा कि पिछले 70 सालों में कांग्रेस ने जो कुछ भी बनाया उसे बीजेपी बेच रही है और अगर सरकार नहीं रुकती है तो पूरी पीढ़ी को इसका अंजाम भुगतना होगा। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार ने देश की संपदा की क्लियरेंस सेल का ऐलान किया है।
गुजरात कांग्रेस मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पवन खेड़ा ने कहा कि सार्वजनिक संरचना को बेचने या लीज पर देने से सिर्फ इस अहम क्षेत्र में मोनोपोली आएगी। जो कांग्रेस सरकार कभी भी नहीं चाहती थी। उन्होंने कहा, ‘अगर अब हम उन्हें नहीं रोकते हैं तो पूरी पीढ़ी नष्ट हो जाएगी। साल 2014 में सत्ता में आने से पहले बीजेपी कहा करती थी कि कांग्रेस ने बीते 70 सालों में क्या किया। जिसका जवाब है, वो संपदाएं जिसे अब आप बेच रहे हैं। हमने उन 70 सालों में भारत का निर्माण किया। बीजेपी अब भारत को बेचने में व्यस्त है।’
पवन खेड़ा ने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार और मौजूदा बीजेपी सरकार में अंतर है। एक संवेदनशील सरकार हमेशा इस बात का ध्यान रखती है कि उसके रणनीतिक क्षेत्र उसके हाथ से ना निकले। कोई भी संवेदनशील सरकार मोनोपोली को बढ़ावा नहीं देती। लेकिन बीजेपी सरकार के लिए देश जरुरी नहीं है। वो सिर्फ वोट के बारे में सोचते हैं और बीजेपी को और ज्यादा धनवान बनाने के बारे में सोचते हैं।