फर्जी रजिस्ट्री मामले में एसआईटी ने अधिवक्ता कमल विरमानी और उसके मुंशी रोहताश पांडेय को आमने-सामने बैठाकर करीब चार घंटे तक पूछताछ की। इसके बाद इन दोनों को विरमानी के चेंबर में ले जाया गया। यहां दोनों आरोपियों के अधिवक्ताओं की मौजूदगी में छानबीन शुरू की गई। देर शाम तक एसआईटी छानबीन में जुटी थी। इस दौरान यहां से दर्जनों दस्तावेज कब्जे में लिए गए।इस मामले में अधिवक्ता कमल विरमानी ने गिरफ्तारी से बचने के लिए हर हथकंडे अपनाए थे। विरमानी ने पहले कोर्ट से अग्रिम जमानत की मांग की, लेकिन उनकी यह अर्जी ठुकरा दी गई। इसके बाद उन्होंने सरेंडर करना चाहा, लेकिन पुलिस ने रिपोर्ट दी कि विरमानी को आरोपी नहीं बनाया गया है। इसके दो दिन बाद ही अचानक विरमानी को गिरफ्तार कर लिया गया। प्राथमिक पड़ताल में पता चलाकि विरमानी के चेंबर में ही अधिकांश रजिस्ट्री तैयार की गई थीं। इसके बाद असली दस्तावेज को नष्ट कर इनके स्थान पर ये नई फर्जी रजिस्ट्री रिकॉर्ड रूम में रख दी गईं।