भूमि और संपत्ति की खरीद में धांधली और धोखाधड़ी को रोकने के लिए धामी सरकार पंजीकरण की प्रक्रिया में आधार सिडिंग का प्रावधान करने जा रही है। अगले छह महीने में बुजुर्ग, दिव्यांग, महिलाओं और विशेष श्रेणी के लोगों को घर बैठे भूमि व संपत्ति की ऑनलाइन रजिस्ट्री कराने की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी।
वर्चुअल रजिस्ट्रेशन और आधार सिडिंग की व्यवस्था के लिए राज्य सरकार ने केंद्रीय इलेक्ट्रानिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय व भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) को प्रस्ताव भेज दिए हैं। अपर सचिव (वित्त) व महानिरीक्षक स्टाम्प एवं निबंधन डॉ.अहमद इकबाल के मुताबिक, मंगलवार को मुख्यमंत्री व वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के समक्ष वित्त विभाग की ओर से इन दोनों प्रस्तावों का प्रस्तुतिकरण भी दिया जा चुका है।
यूआईडीएआई से अनुमति मिलने के एक महीने में भूमि, भवन अन्य संपत्तियों की रजिस्ट्री की आधार से सिडिंग हो जाएगी। चेहरे, उंगली और आंखों से पहचान करने के विकल्प होंगे। इससे फर्जी आधार की आशंकाएं खत्म होंगी। तीसरे व्यक्ति द्वारा फर्जी ढंग से रजिस्ट्री करा लेने जैसी धोड़ाधड़ी नहीं हो पाएगी। गवाह के भी आधार डाटा की जांच हो सकेगी।
घर बैठे ऑनलाइन रजिस्ट्री कराने की सुविधा छह महीने में उपलब्ध करा दी जाएगी। इसके लिए विभाग को पहले नियमों में प्रावधान करना होगा। इस प्रक्रिया में समय लगेगा। रजिस्ट्रेशन के साफ्टवेयर में जमीन से संबंधित अभिलेख ऑनलाइन अपलोड कराने की सुविधा होगी।