बदरीनाथ धाम को 20 कुंतल फूलों से सजाया गया। मंदिर की अनोखी भव्यता हर किसी भा रही है। धाम के कपाट 6:15 बजे श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोले दिए गए हैं। कपाट खुलने पर अखंड ज्योति के दर्शनों को देश-विदेश से 25 हजार से अधिक यात्री बदरीनाथ धाम पहुंचे।
दो साल बाद कपाट खुलने के मौके पर श्रद्धालु बदरीनाथ भगवान के दर्शन कर किए। यात्रा पड़ावों पर जगह-जगह तीर्थयात्रियों की चहल-पहल दिखने लगी है। बदरीनाथ में तीर्थयात्रियों के करीब साढ़े पांच सौ वाहन पहुंचे।
बदरीनाथ के साथ ही धाम में स्थित प्राचीन मठ-मंदिरों को आर्किड और गेंदे के फूलों से सजाया गया है।
बदरीनाथ के साथ ही धाम में स्थित प्राचीन मठ-मंदिरों को आर्किड और गेंदे के फूलों से सजाया गया है।
श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति की ओर से यात्रा व्यवस्थाओं को चाक-चौबंध कर दिया गया है। वर्ष 2013 की आपदा में बह चुके लामबगड़ बाजार में भी अस्थाई दुकानें खुल चुकी हैं। यहां तीर्थयात्रियों की अच्छी भीड़ जुट रही है। माणा में देश की अंतिम चाय की दुकान भी तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए खुल गई है।
बदरीनाथ आस्था पथ पर रडांग बैंड पर अलकनंदा किनारे हिमखंड के दर्शन हो रहे हैं। जबकि कंचन गंगा में हिमखंड पूरी तरह से पिघल गए हैं। बदरीनाथ धाम में ऊंची चोटियों में भी हल्की बर्फ जमी है। नीलकंठ पर्वत की तलहटी तक बर्फ जमी है।