जेल में बंदियों की मौत के बाद उनके आश्रितों को अब मुआवजा दिया जाएगा। इसके लिए बजट में नए मद के तहत एक करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। प्रदेश में यह व्यवस्था पहली बार की गई है। पिछले दिनों इस संबंध में नीति बनाई गई थी। मृतक बंदियों के आश्रितों को नियमानुसार श्रेणीवार मुआवजे की धनराशि दी जाएगी
बता दें कि जेल में तमाम कारणों से हर साल बंदियों की मौत हो जाती है। इसमें कुछ आपराधिक घटनाओं के कारण और कुछ सामान्य व बीमारियों के कारण होने वाली मौतें शामिल हैं। लेकिन, अभी तक प्रदेश में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं थी कि इन बंदियों के आश्रितों को किसी प्रकार का मुआवजा दिया जाए। मसलन, यदि जेल में बंद कैदी घर में अकेला कमाने वाला था और उसकी जेल में मौत हो जाती है तो उसके आश्रितों के प्रतिपूर्ति की व्यवस्था नहीं थी। ऐसे में पिछले दिनों सरकार ने इसके लिए नई नीति बनाई थी
अब बजट में नई मदों में इस मद को भी शामिल किया गया है। जेलों में इस प्रकार की मौत होने पर उनके आश्रितों को मुआवजे के लिए एक करोड़ रुपये का बजट दिया गया है। इस बजट को कैदी की श्रेणी के आधार पर नियमानुसार दिया जाएगा। यानी विचाराधीन कैदी, सजायाफ्ता कैदी, आपराधिक मौत, सामान्य मौत, बीमारी के कारण हुई मौत आदि को अलग-अलग श्रेणियों में रखा जाएगा। इसके आधार पर ही उन्हें एक लाख रुपये से लेकर पांच या उससे अधिक दिया जाएगा। हालांकि, इससे पहले मौत किस कारण से और किन परिस्थितियों में हुई इस बात की जांच की जाएगी।