प्रदेश सरकार का उत्तराखंड में पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र में निवेश से राज्य की जीडीपी बढ़ाने के साथ ही रोजगार के नये अवसर खोलने का संकल्प है। सरकार का मानना है कि पर्यटन सेक्टर में निवेश बढ़ेगा तो इससे सेवा क्षेत्र का विस्तार होगा जो राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में मददगार साबित होगा। इसलिए धामी सरकार की सेवा क्षेत्र में निवेश को प्राथमिकता है।
वैसे भी राज्य की आर्थिक विकास दर (जीडीपी) में सेवा क्षेत्र का 40 से 50 प्रतिशत योगदान है। सरकार का दावा है कि पर्यटन क्षेत्र में निवेश से राज्य को वैश्विक पर्यटन डेस्टिनेशन बनाने की योजना साकार होगी। साथ ही नये निवेश से अनछुए पर्यटक स्थल भी विकसित होंगे। वैश्विक निवेशक सम्मेलन के लिए प्रदेश सरकार ने अलग-अलग क्षेत्रों में निवेश की रणनीति बनाई है। जिसमें पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र सबसे प्रमुख है। सेवा क्षेत्र में निवेश से जहां सरकार का राजस्व बढ़ेगा। वहीं, पर्यटन कारोबार में रोजगार के अवसर मिलेंगे।
चारधाम यात्रा से वैश्विक स्तर पर उत्तराखंड की तीर्थाटन में पहचान है। छह माह चलने वाली इस यात्रा से प्रदेश में पर्यटन कारोबार चलता है। अब सरकार साहसिक पर्यटन, आयुष एवं वैलनेस टूरिज्म में देश दुनिया के पर्यटकों को उत्तराखंड की ओर से आकर्षिक करना चाहती है। इसके लिए रोपवे, होटल, रिजार्ट, स्कीइंग में बुनियादी सुविधाओं में निवेश को प्रोत्साहित कर रही है।