केंद्रीय स्वास्थ्य मंंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की देशभर की सभी लैब में अब निजी क्षेत्र के युवा वैज्ञानिकों व उद्यमियों को भी शोध करने की सुविधा मिलेगी। मंत्रालय ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं। शोध व नवाचार से स्वास्थ्य क्षेत्र में तेजी से बदलाव आ रहा है। ड्रोन और टेलीमेडिसिन तकनीक आने वाले समय में स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांति लाएगी।दून मेडिकल कॉलेज में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने प्रदेश की पहली कैथ लैब के साथ ही आईसीयू, मैमोग्राफी एवं डिजिटल रेडियोग्राफी मशीन का उद्घाटन किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल मौजूद थे। केंद्रीय मंत्री मांडविया ने कहा कि आईसीएमआर की लैब में अभी तक सरकारी क्षेत्र के वैज्ञानिकों को रिसर्च की करने की अनुमति दी थी, लेकिन अब निजी क्षेत्र के लिए भी रिसर्च करने की सुविधा का लाभ मिलेगा। जो युवा वैज्ञानिक व उद्यमी रिसर्च कर रहे हैं, उन्हें फार्मा इंडस्ट्री के साथ जोड़ा जाएगा।
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के मार्गदर्शन में देश स्वास्थ्य के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। दुनिया के लोग रिसर्च और इनोवेशन के लिए भारत आ रहे हैं। ड्रोन के जरिये कुछ मिनटों में दुर्गम क्षेत्र से ब्लड सैंपल एम्स ऋषिकेश पहुंचाया गया है। सैंपल जांच के बाद रिपोर्ट मरीजों को मोबाइल पर उपलब्ध हो रही है। टेली कंसल्टेंसी के जरिये दून में बैठे विशेषज्ञ डॉक्टर परामर्श दे रहे हैं। जिससे मरीजों को घर द्वार पर इलाज की सुविधा मिल रही है। आने वाले समय में इस तकनीक से क्रांति आएगी।स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में विकास दिखता है। जहां विकास दिखता है वहां मदद भी ज्यादा मिलती है। उत्तराखंड स्वास्थ्य के क्षेत्र में बदल रहा है। धामी सरकार ने चारधाम यात्रा में अमरनाथ यात्रा के बराबरी की स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई है। मैं गुजराती हूं। यात्रा करने वाले गुजरात के लोगों से मुझे स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर फीडबैक मिलता है।केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत में प्रोफेशनल से ज्यादा स्वास्थ्य क्षेत्र में सेवा का भाव है। कोरोना काल में जहां कई देशों में डॉक्टरों व नर्स ड्यूटी पर नहीं आ रहे थे। वहीं देश में डॉक्टरों व नर्सों ने सेवा भाव से सेवाएं दी है। इससे भारत की साख बढ़ी है। दुनिया ने भी भारत के कोविड प्रबंधन को माना हैउत्तराखंड देवभूमि में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए केंद्र की ओर से सहयोग व मदद की कोई कमी नहीं रहेगी।