आंदोलन के दौरान बेरोजगार युवाओं पर हुए पुलिस के लाठी चार्ज की जांच अब पुलिस ही करेगी। गढ़वाल आयुक्त सुशील कुमार ने मजिस्ट्रेटी जांच की रिपोर्ट शासन को सौंपते हुए वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से जांच कराने की सिफारिश की थी। इस आधार पर आईजी विम्मी सचदेवा को यह जिम्मेदारी दी गई है।जांच में उन्होंने हल्के बल प्रयोग को कानून व्यवस्था के लिहाज से उचित माना है। रिपोर्ट के आधार पर लापरवाही बरतने के आरोप में तीन पुलिसकर्मी हटा दिए गए हैं। गौरतलब है कि विभिन्न भर्तियों में हुई धांधली की सीबीआई जांच की मांग के लिए हजारों बेरोजगार युवाओं ने एक महीने पहले गांधी पार्क पर प्रदर्शन किया था।इस बीच पुलिस ने बल प्रयोग किया था। इससे गुस्साए युवाओं की भीड़ में मौजूद असामाजिक तत्वों ने पुलिस पर पथराव कर दिया था। इसके बाद पुलिस ने दोबारा लाठी चार्ज कर भीड़ को तितर-बितर कर दिया था। इसमें कुछ पुलिसकर्मियों और युवाओं को चोटें भी आई थीं। मामले की गंभीरता को देखते हुए शासन ने गढ़वाल आयुक्त सुशील कुमार को मजिस्ट्रेटी जांच सौंपी थी। आयुक्त ने घटनास्थल पर मौजूद अधिकारियों और कर्मचारियों के बयान दर्ज किए थे।
जांच पूरी करने के बाद उन्होंने बृहस्पतिवार को गृह विभाग को रिपोर्ट सौंप दी। इसके बाद अपर मुख्य सचिव गृह राधा रतूड़ी ने जांच रिपोर्ट के आधार पर पुलिस मुख्यालय को पत्र लिखा। उन्होंने कहा कि गढ़वाल आयुक्त ने गांधी पार्क के सामने हुए हल्के बल प्रयोग को कानून एवं शांति व्यवस्था के लिहाज से उचित माना है। लेकिन, हाईकोर्ट ने पिछले दिनों इस मामले में तल्ख टिप्पणी की थी। ऐसे में हिंसा फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई करना जरूरी है। लिहाजा जांच रिपोर्ट के आधार पर पुलिस मुख्यालय ने आईजी विम्मी सचदेवा को इस पूरे घटनाक्रम की जांच सौंपी है।