उत्तराखंड के हल्द्वानी में रेलवे स्टेशन के पास बनी अनाधिकृत कॉलोनियों पर बुलडोजर चलाने की तैयारी कर ली गई है. कई मकानों पर अब तक रेलवे का बुलडोजर चल चुका है. नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश पर अतिक्रमण हटाओ अभियान शुरू किया गया है. वहीं, इसके विरोध में लोग सड़कों पर उतर आए हैं.
करीब 70 एकड़ जमीन पर 4300 से अधिक परिवार रहे हैं. करीब 50 हजार लोगों के बेघर होने का खतरा मंडरा रहा है. इनमें से अधिकतर परिवार मुस्लिम समाज से आते हैं. इसको लेकर राजनीति शुरू हो गई है. जमीयत ने इस मामले में हल्द्वानी में विरोध सभा का निर्णय लिया है.
वहीं, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अतिक्रमण हटाओ अभियान के खिलाफ जोरदार हमला बोल दिया है. उनके निशाने पर भारतीय जनता पार्टी की सरकार है. कांग्रेस ने भी इस मामले में सरकार से पीड़ितों की आवाज सुनने की बात कही है.
हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण के खिलाफ नैनीताल हाई कोर्ट ने फैसला दिया है. इस फैसले के तहत 70 एकड़ जमीन पर बने अवैध निर्माणों को हटाया जाना है. हल्द्वानी में रेलवे लाइन से सटे करीब 2.2 किलोमीटर इलाके में 4300 से अधिक कच्चे- पक्के निर्माण किए गए हैं.
यहां करीब 20 मस्जिदें 9 मंदिर और स्कूल भी बने हुए हैं. इन सब पर बुलडोजर चलाए जाने की तैयारी है. यहां रह रहे परिवारों को अब बेदखल होने का खतरा मंडराने लगा है. इसको लेकर लोगों का आक्रोश फूट पड़ा है. वे अतिक्रमण हटाए जाने से पहले खुद को बसाए जाने की मांग कर रहे हैं. परिवारों का कहना है कि वे दशकों से यहां रह रहे हैं.
वहीं, रेलवे का इस पूरे मामले में कहना है कि 2.2 किलोमीटर पटरी पर बने 4365 अतिक्रमण को चिन्हित किया गया है. उसे हटाया जाएगा. मकानों और अवैध निर्माण को गिराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है. इस मामले में 5 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है. अतिक्रमण हटाए जाने को लेकर आई नैनीताल हाई कोर्ट के फैसले को सर्वोच्च अदालत में चुनौती दी गई है. सुप्रीम कोर्ट से हाईकोर्ट के फैसले पर दोबारा विचार करने की मांग की गई है. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले इस पर राजनीति खूब शुरू हो गई है.
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने हल्द्वानी के अतिक्रमण हटाओ अभियान को अल्पसंख्यकों पर कार्रवाई से जोड़ते हुए बड़ा हमला बोला है. उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी से इस मामले में दखल देने की मांग की है. ओवैसी ने कहा है कि इंसानियत दिखाते हुए उत्तराखंड के हल्द्वानी के लोगों की मदद के लिए आगे आना चाहिए. उन्होंने कहा कि लोगों को वहां से नहीं निकाला जाना चाहिए. ओवैसी ने सवाल किया कि हल्द्वानी के लोगों के सिर से छत छीन लेना कौन सी इंसानियत है? वहीं, भाजपा पर करारा हमला करते हुए ओवैसी ने कहा कि भाजपाई कहते हैं, भारत अल्पसंख्यकों के लिए स्वर्ग है.
ओवैसी ने हमला करते हुए कहा कि इस सरकार में जैन समाज के पूजा स्थलों को निशाना बनाया गया. क्रिसमस से लगातार ईसाइयों पर हमले हो रहे हैं. लद्दाख में बौद्ध और शिया समुदाय के लोग पूर्ण राज्य के लिए सड़कों पर हैं. यूपी में सिख युवक पर हमला किया गया. हजारों मुसलमान असम में बेघर कर दिए गए. अब हल्द्वानी में मुसलमानों को बेघर किया जा रहा है.