प्रदेश में डेंगू की रोकथाम व बचाव के लिए सचिव स्वास्थ्य राधिका झा ने विभाग को अलर्ट किया है। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को जनपद स्तर पर विभगीय समन्वय बैठक आयोजित करने के आदेश दिए। इसके अलावा डेंगू आइसोलेशन वार्ड के लिए नोडल अधिकारी नामित करने के निर्देश दिए।
सचिव स्वास्थ्य ने कहा कि डेंगू व चिकनगुनिया रोग की रोकथाम व बचाव के लिए स्वास्थ्य समेत संबंधित विभागों की भी सक्रिय भागीदारी निभानी होगी। इसके लिए सभी जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में जिला स्तर पर अंतर विभागीय समन्वय बैठक कर व्यापक रणनीति बनाई जाए। डेंगू मच्छरों को पनपने से रोकने केे लिए फॉगिंग के साथ स्वच्छता अभियान चलाया जाए। इसके लिए ब्लाक वार माइक्रो प्लान बनाकर कार्रवाई और जन जागरूकता के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार करें।
सचिव ने कहा कि सभी जिलों में डेंगू की जांच सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए। अस्पतालों में अलग से डेंगू आईसोलेशन वार्ड तैयार कर मच्छरदानी युक्त बेड और दवाईयां उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने सभी ब्लड बैंकों में प्लेटलेट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
सचिव स्वास्थ्य ने कहा कि पानी की टंकी, कूलर, सीमेंट की हौदी, गमले, फ्रिज की ट्रे आदि में पानी जमा होने के कारण डेंगू मच्छर का लार्वा पनप सकता है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि डेंगू मच्छर पर नियंत्रण के लिए घर के आसपास पानी को जमा न होने दें और साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें। डेंगू के लक्षण होने पर डॉक्टरों से परामर्श अवश्य लें।
वैसे तो डेंगू ने अभी राजधानी में दस्तक नहीं दी है, लेकिन उससे पहले ही नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सतर्क हो गए हैं। डेंगू से निपटने को लेकर नगर आयुक्त मनुज गोयल ने अफसरों संग बैठक कर डेंगू से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की। नगर आयुक्त ने अफसरों को हिदायत दी कि नगर निगम के सभी सुपरवाइजरों की अगुवाई में वार्डवार डोर-टू-डोर सघन अभियान चलाया जाय। अभियान में सुपरवाइजरों के अलावा आशा कार्यकर्ताओं और एएनएम की भी मदद ली जाय। कहा कि प्रतिदिन रोस्टरवार हरेक वार्ड में 100 घरों का निरीक्षण किया जाय। कहा कि जिला मलेरिया अधिकारी व निगम प्रशासन की ओर से डेंगू से बचाव को लेकर जो पोस्टर मुहैया कराए गए हैं, उसके जरिए लोगों को बीमारी के प्रति जागरूक किया जाय।