उत्तराखंड शिक्षा विभाग ने बच्चों की हैंडराइटिंग सुधारने हेतु समस्त विद्यालयों के लिए एक नया आदेश जारी किया है. जिसके अनुसार अब विद्यालयों में छात्र छात्राओं को बॉल पेन के बजाय रिंगाल अथवा निबयुक्त पेन से हस्तलेख का अभ्यास करना होगा.
अपर राज्य परियोजना निदेशक (समग्र शिक्षा उत्तराखंड) डॉ. मुकुल कुमार सती द्वारा जारी आदेश में मुख्य शिक्षा अधिकारी/ जिला परियोजना अधिकारी (समस्त जनपद, उत्तराखंड) को निर्देशित कर कहा गया है कि समय-समय पर विद्यालयों के निरीक्षण में यह पाया गया है कि प्रायः अधिकांश छात्र-छात्राओं का हस्तलेख सुन्दर नहीं होता.
शिक्षक भी छात्रों के हस्तलेख सुधारने में प्रायः उदासीन होते हैं अथवा अधिक परिश्रम नहीं करते. छात्रों के लेख में सुडौलता एवं सुन्दरता की कमी तथा अस्पष्टता होने के कारण परीक्षा परिणाम में भी कमी आती है.
हस्तलेख में कमी का मुख्य कारण छात्र छात्राओं द्वारा लेखन का कम अभ्यास एवं बालपेन का प्रयोग किया जाना है. पूर्व में छात्र-छात्राओं को रिंगाल / बौना बांस की कलम अथवा निबयुक्त पेन से लेख सुधारने हेतु अधिक से अधिक अभ्यास कराया जाता था.
इससे छात्र-छात्राओं के लेख में सुडौलता के साथ-साथ शुद्धता भी आती थी. उक्त के आलोक में छात्र छात्राओं को पुनः सुन्दर लेख लिखने के प्रति जागरूक करने एवं रिंगाल / निबयुक्त पेन से हस्तलेख का अभ्यास कराने के लिए विद्यालयों को निर्देशित करना सुनिश्चित करें.