वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर में बिताए गए कमीशन की टीम के 12 घंटे बेहद अहम रोल निभाएंगे। तीन दिनों तक चली सर्वे की कार्रवाई के दौरान कमीशन की टीम परिसर के कोने-कोने से रूबरू हुई। तीन दिनों में 12 घंटे से अधिक समय तक चली कार्रवाई में खींची गईं 15 सौ तस्वीरों में ज्ञानवापी का सच दर्ज हो चुका है। हिंदू पक्ष का दावा है कि ज्ञानवापी से ली गई तस्वीरें और वीडियो उनके दावे को और मजबूत करेगा। हालांकि, मुस्लिम पक्ष का दावा है कि वहां कुछ भी नहीं मिला है। 14 से 16 मई तक चली कमीशन की कार्रवाई की शुरुआत ज्ञानवापी परिसर के तहखाने की पश्चिमी दीवार से हुई थी। अंतिम दिन के सर्वे में वजुखाने के नीचे तक सर्वे की प्रक्रिया के दौरान शिवलिंग मिलने के दावे के बाद अहम मोड़ आ गया है। सूत्रों के मुताबिक, कमीशन की कार्रवाई के दौरान नमाज वाली जगह पर हॉलनुमा बड़े कमरे की छत से लेकर फर्श तक की नक्काशी व कलाकृतियों ने हर किसी को चौंकाया।
कई आकृतियां ऐसी थीं, जो वादी पक्ष को रुककर देखने और उसकी फोटो और वीडियोग्राफी कराने पर विवश कर रही थीं। अदालत के आदेश के बाद 14 मई को कड़ी सुरक्षा के बीच ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में कमीशन की कार्रवाई शुरू हुई
दो कमरों के ताले तो खुल गए, लेकिन तीसरे कमरे का ताला काटकर सर्वे करना पड़ा। चौथे कमरे में दरवाजा ही नहीं है। पहले दिन चार घंटे में 50 फीसदी कार्रवाई पूरी हुई। 15 मई को दूसरे दिन ज्ञानवापी में गुंबद, वजुखाने और दीवारों का सर्वे किया गया।
लगभग 80 फीसदी कार्रवाई पूरी हुई। तीसरे और अंतिम दिन 16 मई को वजुखाने का पानी निकालकर सर्वे के दौरान शिवलिंग मिलने की बात कही गई। इस दौरान हिंदू पक्ष के वादी व अधिवक्ताओं ने खुशी जताई।