मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हिमालय दिवस के अवसर पर मुख्य सेवक सदन में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमालय के सरोकारों से जुड़े विषयों के लिए महानिदेशक यूकॉस्ट दुर्गेश पंत के संयोजन में एक कमेटी बनाई जायेगी।
मुख्यमंत्री ने यूकॉस्ट द्वारा आयोजित की जाने वाली राज्य स्तरीय पांचवें देहरादून, अन्तरराष्ट्रीय साइंस एण्ड टेक्नोलॉजी फेस्टिवल के पोस्टर का विमोचन किया। बता दें यह महोत्सव छह जनपदों देहरादून, चमोली, उत्तरकाशी, टिहरी, बागेश्वर और पिथौरागढ़ स्थित इंजीनियरिंग कॉलेजों में किया जायेगा। सीएम ने कहा जलवायु परिवर्तन तेजी से हो रहा है। देहरादून में भी इस वर्ष तापमान में काफी वृद्धि हुई। तेज गति से बढ़ता तापमान भविष्य के लिए चिंताजनक है। हमें हिमालय, जल और जंगल के संरक्षण की दिशा में मिलकर प्रयास करने होंगे, हमें सोचना होगा कि हम आने वाली पीढ़ी को विरासत में क्या देकर जा रहे हैं।
सीएम ने कहा जल स्रोतों और नदियों के पुनर्जीवीकरण की दिशा में सरकार द्वारा निरंतर कार्य किये जा रहे हैं। इसके लिए स्प्रिंग एण्ड रिवर रिज्यूवनेशन अथॉरिटी का गठन किया गया है। हिमालय के संरक्षण के लिए भी अनेक कार्य किये जा सकते हैं। हिमालय हमारी अमूल्य धरोहर है, जिसे बचाने की आवश्यकता है।
उत्तराखण्ड पहला राज्य है जहां जी.ई.पी की शुरूआत की गई है। राज्य में इकोलॉजी व इकोनॉमी में संतुलन बनाकर विकास के कार्य किये जा रहे हैं। सीएम धामी ने कहा सरकार पौधा रोपण, जल संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में निरंतर कार्य कर रही है, लेकिन इन सब में जन सहभागिता की जरूरत है, तभी हम इन प्रयासों में सफल हो पाएंगे।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा नीति आयोग की बैठक में भी उन्होंने हिमालय के लिए अलग से योजना बनाये जाने की बात उठायी है। उत्तराखण्ड की जनसंख्या सवा करोड़ है और व्यवस्था हर साल लगभग 10 करोड़ लोगों के लिए करनी पड़ती है। उत्तराखण्ड के लिए योजना बनाते समय राज्य में आने वाली फ्लोटिंग पोपुलेशन को ध्यान में रखकर योजना बनाने का अनुरोध किया है।