उत्तराखंड में अब 11वीं, 12वीं के छात्र-छात्राओं के स्थायी निवासी, जाति प्रमाणपत्र, मूल निवास प्रमाणपत्र, आय प्रमाणपत्र आदि सभी प्रमाणपत्र स्कूल में ही बनेंगे। इसके लिए धामी सरकार ने ”अपणों स्कूल, अपणू प्रमाण” योजना लांच की है। सोमवार को सचिव आईटी शैलेश बगोली ने इसका शासनादेश जारी कर दिया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर राज्य के समस्त विद्यालयों में 11वीं, 12वीं में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रतिभाग करने के दृष्टिगत सभी आवश्यक प्रमाणपत्र स्कूल में ही उपलब्ध कराने का निर्णय हुआ हैसचिव शैलेश बगोली ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को दिशा निर्देश जारी करते हुए कहा हैं कि छात्रों को आवश्यक प्रमाण-पत्र की आवश्यकता एवं इन प्रमाण-पत्रों को प्राप्त करने में आने वाली कठिनाइयों को दूर करने के दृष्टिगत समस्त विद्यालयों में योजना के तहत सभी आवश्यक प्रमाणपत्र स्कूल स्तर पर ही उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है। खास बात ये है कि प्रमाणपत्र बनाने वाले सभी अधिकारी और कॉमन सर्विस सेंटर की टीम स्कूल पहुंचकर जरूरी औपचारिकताएं पूरी करेगी।उन्होंने आदेश जारी किए हैं कि जिलास्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में मुख्य शिक्षा अधिकारी को शामिल करते हुए समिति का गठन किया जाएगा। समिति की ओर से जिला स्तर पर 11वीं, 12वीं में अध्ययनरत छात्रों की संख्या का आकलन किया जाएगा। तहसील स्तर पर उपजिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति से विद्यालय में भ्रमण करने वाली टीमों (पटवारी, लेखपाल, कानूनगो और सीएससी के डाटा एंट्री ऑपरेटर) का तिथिवार रोस्टर तैयार करवाया जाएगा। एक निर्धारित समयसीमा में प्रमाणपत्र जारी किए जाएंगे। कॉमन सर्विस सेंटर के डाटा एंट्री ऑपरेटर की टीम संबंधित स्कूल पहुंचकर प्रमाणपत्र के लिए जरूरी शुल्क, दस्तावेज आदि की प्रक्रिया पूरी करेगी।सभी जरूरी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद तहसीलदार या एसडीएम कार्यालय की ओर से जारी प्रमाणपत्र स्कूल के प्रधानाचार्य को उपलब्ध कराए जाएंगे। एक सप्ताह के भीतर उन्हें संबंधित छात्र-छात्राओं के बीच इनका वितरण करना होगा। किसी प्रकार की समस्या उत्पन्न होने पर जिला स्तरीय समिति के स्तर से संबंधित को तात्कालिकता के आधार पर यथावश्यक दिशा-निर्देश दिए जाएंगे। दो माह के भीतर यह योजना पूरी तरह से शुरू हो जाएगी।