देहरादून। पर्यावरण बचाने एवं बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ सहित अनेक जागरूकता अभियान को जन जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से पैदल यात्रा कर रहे युवाओं का एक दल शनिवार को प्रदेश के पर्यटन, लोक निर्माण, सिंचाई, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री श्री सतपाल महाराज से मिला।
माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने के साथ-साथ 11 देशों में 4 लाख 21 हजार किलोमीटर की पैदल यात्रा करने वाले पर्वतारोही दल के सदस्यों ने शनिवार को प्रदेश के पर्यटन, लोक निर्माण, सिंचाई, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री श्री सतपाल महाराज से सुभाष रोड स्थित उनके कैंप कार्यालय पर मुलाकात कर आशीर्वाद लिया।
पर्वतारोही दल के सदस्य उत्तराखंड के उधम सिंह नगर, नैनीताल, हरिद्वार के पश्चात चारधाम रवाना होने से पूर्व देहरादून में कैबिनेट मंत्री श्री सतपाल महाराज से मिले। पर्वतारोही दल के सदस्य अवध बिहारी लाल, जितेंद्र प्रताप, महेंद्र प्रताप एवं गोविंदनंद ने कैबिनेट मंत्री श्री सतपाल महाराज को बताया कि वह 1990 से लगातार पैदल यात्रा कर पर्यावरण बचाने के साथ-साथ बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ सहित अनेक जागरूकता अभियानों का प्रचार प्रसार कर रहे हैं।
प्रदेश के कैबिनेट मंत्री श्री सतपाल महाराज ने पैदल भ्रमण पर निकले पर्वतारोही दल के चारों सदस्यों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वह एक अच्छे कार्य के लिए विभिन्न देशों की यात्रा करने के साथ-साथ अपने जिस सामाजिक मिशन पर निकले हैं निश्चित रूप से उन्हें उसमें कामयाबी हासिल होगी।
श्री महाराज ने पैदल यात्रा भ्रमण के दौरान जागरूकता अभियान के लिए विभिन्न देशों की यात्रा करने के साथ-साथ माउंट एवरेस्ट पर झंडा फहराने और गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज करवाने के लिए उनका उत्साह वर्धन करते हुए अपनी शुभकामनाएं दी।
दिल्ली से पर्यावरण संदेश को लेकर 1990 से पैदल यात्रा प्रारंभ करने वाले उत्तर प्रदेश स्थित लखीमपुर जिले के दोहारा गांव निवासी अवध बिहारी को तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। उसके पश्चात अवध बिहारी की मुलाकात लखीमपुर खीरी में जितेंद्र प्रताप, महेंद्र प्रताप और गोविंदनंद से हुई जिसके बाद वह तीनों भी 1995 से अवध बिहारी के साथ पर्यावरण एवं बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसे संदेश को पैदल यात्रा के माध्यम से जन जन तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं।
जन जागरूकता अभियान को निकले इस दल में वर्तमान में 20 सदस्य हैं जोकि भारत के अलावा विभिन्न देशों में पैदल यात्रा कर अब तक 14 करोड़ पचास लाख पौधे भी लगा चुके हैं।