उत्तराखंड के जोशीमठ में सड़कों व घरों में दरारें आने व भूधंसाव का ख़तरा बढ़ता जा रहा है।इस घटनाक्रम के बाद पौराणिक भविष्यवाणी को जोड़ते हुए प्रचारित किया गया कि जोशीमठ पाताल लोक की तरफ जा रहा है।पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने मीडिया से बातचीत में जोशीमठ से संबंधित प्रश्न पर यह बातें कहीं। उन्होंने कहा कि जोशीमठ में जो समस्या आई है, उसके समाधान के लिए सरकार हर स्तर पर जुटी है। साथ ही उन्होंने कहा जोशीमठ पाताल लोक में नहीं गया, वह अपनी जगह सुरक्षित खड़ा है।हालांकि कैबिनेट मंत्री महाराज ने कहा कि राज्य में सड़कें पहले भी धंसती रही हैं। साथ ही भूस्खलन व हिमस्खलन की घटनाएं होती आई हैं। वैसे भी यह संवेदनशील क्षेत्र है और भूकंपीय दृष्टि से जोन-चार व पांच के अंतर्गत है। इस क्षेत्र में भूगर्भीय हलचल होती रहती हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जापान में अक्सर भूकंप आते रहते हैं।इस दौरान वहां ट्रेनों की गति धीमी हो जाती है। निर्माण कार्य में लगे श्रमिक कुछ देर के लिए रुक जाते हैं। फिर कार्य तेजी से शुरू हो जाते हैं। उत्तराखंड के हिमालयी क्षेत्र के तो आगे खिसकने की बातें आती रही हैं। इसी के साथ उन्होंने कहा कि जोशीमठ में राहत कार्यों में सरकार तन्मयता से जुटी है।महाराज ने कहा कि जोशीमठ को लेकर इस प्रकार से प्रचार किया गया कि लोग दहशत में है। उन्होंने कहा कि सभी लोग सुरक्षित हैं। प्रभावितों के पुनर्वास के दृष्टिगत सेना ने भी मदद का आश्वासन दिया है। जरूरत पडऩे पर सेना मदद करेगी