मंगलवार सुबह से ग्रहण का सूतक लगने के कारण सभी मंदिर बंद रहेंगे। ग्रहण के बाद मोक्षकाल में शाम को मंदिर खुलने के बाद श्रद्धालु फिर से पूजा-अर्चना कर सकेंगे। नारायण ज्योतिष संस्था के संस्थापक आचार्य विकास जोशी ने बताया कि यह ग्रस्तोदय खग्रास चंद्रग्रहण कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा मंगलवार को दिखाई देगा।भारतीय समय के अनुसार यह चंद्रग्रहण दोपहर 2:40 से 6:20 के मध्य दिखाई देगा। जहां ग्रहण दिखाई दे, वहां तत्संबंधी धार्मिक कृत्य करना आवश्यक है। बताया कि यह ग्रहण का सूतक सुबह 5:41 से प्रारंभ हो जाएगा। ग्रहण के सूतक में बाल वृद्धि और अस्वस्थ जनों को छोड़कर शेष को भोजन शयन आदि नहीं करना चाहिए।
भारत के सभी भागों में यह ग्रहण दिखाई देगा। यह चंद्रग्रहण कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा मंगलवार को भरणी नक्षत्र और मेष राशि की चंद्रमा में घटित होगा। कार्तिक मास में चंद्र ग्रहण होने से शुभता रहती हैं। अन्य औषधि फल आदि के उत्पादन में वृद्धि के योग हैं। मेष राशि में चंद्र ग्रहण होने से दक्षिण पश्चिम राज्य के लोगों में भय अपराध में वृद्धि और जनधन की हानि के योग बनते हैं। भरणी नक्षत्र में चंद्रग्रहण होने से वस्त्रों के भाव में तेजी व्यापारियों को लाभ होता है।