राज्य के 727 चिन्हि्त दुर्घटना संभावित स्थलों का जल्द उपचार होगा। इसके लिए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने विभाग को जल्द से जल्द डीपीआर बनाने के निर्देश दिए हैं। विभाग अब इनकी डीपीआर बनाने में जुटे हैं। प्रदेश में कुल 2642 चिन्हि्त दुर्घटना स्थल हैं।
इनमें से 1915 स्थलों का उपचार पूरा किया जा चुका है। जबकि 727 संभावित दुर्घटना स्थल ऐसे हैं, जिनको चिन्हित किया जा चुका है, लेकिन अभी तक उपचार का कोई काम नहीं हुआ है। इनमें से 188 दुर्घटनास्थलों का कार्य प्रगति पर है।
52 पर काम शुरू होने वाला है। जबकि 473 स्थल ऐसे हैं, जिनकी डीपीआर विभाग तैयार कर रहे हैं। बचे हुए दुर्घटना स्थलों में गढ़वाल के मुकाबले कुमाऊं के स्थल ज्यादा हैं। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने निर्देश दिए हैं कि जल्द से जल्द डीपीआर आगे बढ़ाई जाए, ताकि समय रहते इन दुर्घटना स्थलों को सुरक्षित किया जा सके।