उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग ने शनिवार तक भीषण रूप ले लिया. देखते ही देखते आग की लपटें नैनीताल की हाई कोर्ट कॉलोनी तक जा पहुंची. भीषण आग पर काबू पाने के लिए नैनीताल प्रशासन ने वन विभाग के कर्मचारियों और सेना के जवानों को बुलाया है. वहीं हालात आउट ऑफ कंट्रोल होने पर अग्निशमन अभियान में हेलीकॉप्टरों भी शामिल किए जा सकते हैं. बता दें कि, इस आग से यातायात बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है. वहीं आसपास रह रहे लोगों के लिए भी जान का खतरा बना हुआ है.
गौरतलब है कि, इस आग के पाइंस इलाके के पास स्थित सेना के संवेदनशील ठिकानों तक पहुंचने की आशंका जताई जा रही है. जंगल में लगी आग के कारण नैनीताल जिला प्रशासन ने नैनी झील में सुरक्षा के मद्देनजर नौकायन पर प्रतिबंध लगा दिया है. वहीं आग बुझाने के लिए नैनीताल प्रशासन ने 42 कर्मियों को तैनात किया है.
उत्तराखंड के वन विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, बीते 24 घंटों में राज्य के कुमाऊं क्षेत्र में जंगल में आग लगने की 26 और गढ़वाल क्षेत्र में पांच घटनाएं सामने आई हैं. आग के कारण 33.34 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है.
वहीं मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए उत्तराखंड के अधिकारियों ने जखोली और रुद्रप्रयाग में जंगल में आग लगाने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. जंगल की आग को रोकने के लिए गठित टीम द्वारा यह कार्रवाई की गई है
मामले में संज्ञान लेते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रशासन को अलर्ट रहने को कहा है. साथ ही इस भीषण आग को जल्द से जल्द रोकने के लिए उचित उपाय करने के निर्देश दिए हैं.
घटनास्थल के पास रहने वाले एक निवासी ने बताया कि, “आग ने द पाइंस के पास स्थित एक पुराने और खाली घर को अपनी चपेट में ले लिया है. इससे हाई कोर्ट कॉलोनी को कोई नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन यह खतरनाक रूप से इमारतों के करीब पहुंच गई है. शाम से आग पर काबू पाने के प्रयास किए जा रहे हैं.”