नगर निकाय चुनाव की तैयारी में जुटी सरकार अब इस रिपोर्ट का अध्ययन करेगी। इसके बाद शहरी विकास विभाग को रिपोर्ट के हिसाब से आरक्षण तय करने के निर्देश देगी। शहरी विकास विभाग आरक्षण रोस्टर तय करेगा। इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग को आरक्षण का रिकॉर्ड भेजा जाएगा, जिसके आधार पर आयोग निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी करेगा।
नगर निगमों में पार्षद की 82, नगर पालिकाओं में सभासद की 102 और नगर पंचायतों में 54 सीटें वार्ड मेंबर के लिए आरक्षित करने की संस्तुति की गई है। सरकार ने वर्ष 2022 में जस्टिस बीएस वर्मा की अध्यक्षता में एकल सदस्यीय समर्पित आयोग का गठन किया था।
इस अवसर पर शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, सचिव आरके सुधांशु, अपर सचिव एवं निदेशक शहरी विकास नितिन भदौरिया, अपर निदेशक शहरी विकास एलएन मिश्रा, सहायक निदेशक विनोद कुमार और उप निदेशक पंचायती राज मनोज तिवारी भी मौजूद रहे।
एकल सदस्यीय समर्पित आयोग ने ओबीसी सर्वेक्षण की जो रिपोर्ट सौंपी है, सरकार उसका अध्ययन करेगी। निकायों में कुल आरक्षण 50 फीसदी से अधिक नहीं हो सकता है। सभी बिंदुओं पर रिपोर्ट देखने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।