देहरादून, उत्तराखंड चिह्नित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति ने प्रदेश सरकार पर आंदोलनकारियों की उपेक्षा और अपमान का आरोप लगाया है। समिति ने कहा कि राज्य निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाले आंदोलनकारियों को सरकार पेंशन के नाम पर परेशान कर रही है।
शुक्रवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में चिह्नित राज्य आंदोलनकारी समिति के प्रदेश अध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि देश में करोड़ों के घोटाले हो रहे हैं, लेकिन राज्य आंदोलनकारियों को जो पेंशन दी जा रही है। उसका हिसाब मांगा जा रहा है। विरोध स्वरूप पूरे प्रदेश में 21 दिसंबर को सरकार की ओर से मांगे जा रहे उपयोगिता प्रमाणपत्रों की प्रति जलाई जाएगी।
23 अप्रैल को पेशावर कांड दिवस पर प्रदेशभर के राज्य आंदोलनकारी श्रीनगर में एकत्रित होकर पेशावर कांड के महानायक वीरचंद्र सिंह गढ़वाली सहित शहीदों को याद करेंगे। धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि उन्होंने वर्ष 2016 में तत्कालीन हरीश रावत सरकार से आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण दिए जाने की मांग की थी। पत्रकार वार्ता में प्रगतिशील जन मंच के अध्यक्ष अनिल स्वामी, डा. देवेंद्र फरस्वाण, राष्ट्रीय सचिव व कुमाऊं मंडल प्रभारी नरेंद्र सिंह सौटियाल, दीपक भंडारी, उम्मेद सिंह मेहरा, यशपाल सिंह, मुकेश अग्रवाल, हीरा लाल जैन, नंद लाल, लक्ष्मी देवी, हेमवंती नेगी, बुद्धि रांगड़, सीता पंवार, गायत्री थपलियाल आदि मौजूद थे।