धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र में चुनाव से पूर्व पार्टी के पदाधिकारियों के इस्तीफों का सिलसिला जारी है। पहले‌ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मंडल अध्यक्ष पूनम ममगाईं के साथ सारे मंडल पदाधिकारियों ने विधायक विनोद चमोली पर उनके खराब व्यवहार होने का आरोप लगाकर अपना इस्तीफा महानगर अध्यक्ष सीताराम भट्ट को सौंपा था, जिसे स्वीकार भी कर लिया गया। अब केदार मंडल में भाजयुमो के अध्यक्ष विवेक डंगवाल (विक्की) ने अपने पद से इस्तीफा देकर चुनाव से पूर्व पार्टी को झटका दे‌ दिया।

हालांकि इसके लिए उन्होंने महानगर के अध्यक्ष ‌अंशुल चावला को जिम्मेदार ठहराया। इससे पूर्व भी केदारपुर मंडल में बार-बार  पदाधिकारी बदले जाते रहे हैं। इसकी वजह मूल कार्यकर्ताओं की अनदेखी कर ऐसे कार्यकर्ताओं को पदाधिकारी बनाया गया जो पार्टी में सदस्य तक नहीं थे, या फिर नये-नये पार्टी में आये‌। इससे मूल कार्यकर्ताओं का नाराज़ होना स्वाभाविक है। चुनाव के समय में यह नाराजगी पार्टी हित में नहीं है। इससे पार्टी को चुनाव में कहीं खामियाजा भुगतना ना पड़े। अधिकांश कार्यकर्ताओं का मानना है विधायक के दबाव में मूल कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर विधायक विनोद चमोली ने ऐसे कार्यकर्ताओं को मंडलों में पदाधिकारी बना दिया जिन्हें संगठन का कोई ज्ञान नहीं ह। अधिकांश नये और अनुभवहीन हैं, जो‌ विधायक के इसारे पर ही संगठन चला रहे हैं। उनके लिए विधायक संगठन‌ है, मूल कार्यकर्ताओं को कभी कार्यक्रमों की सूचना तक नहीं दी जाती है।