दो दिन से बदलते मौसम के बीच शुक्रवार तड़के गरजी कड़ाके की बिजली से हर किसी की नींद टूट गई। शहरवासी बिजली की गर्जना सुनकर सहम गए। गर्जना इतनी तेज थी कि शहर के मकानों में कंपन हो उठा। कुछ मिली सेकेंड के लिए दिन जैसा उजाला हो गया। पूरे मानसून सीजन में इतनी तेज गर्जना नहीं सुनी गई।
मौसम विभाग के अनुसार यह असामान्य घटना नहीं है। मानूसन की विदाई के समय वातावरण में अस्थिरता आ जाती है और वायुमंडल में कई तरह के बदलाव होने लगते हैं। धरातल और ऊंचाई पर वायु के तापमान व प्रकृति में अंतर आ जाता है।
इस कारण ऐसी स्थितियां बनती हैं और अतितीव्र गर्जना के साथ बिजली कड़कती है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक ब्रिकम सिंह के मुताबिक मानसून की विदाई के समय वातावरण में नमी और गर्मी बढ़ने के कारण वातावरण में संवहनीय ऊर्जा बढ़ जाती है, जो बिजली कड़कने के लिए सर्वोत्तम परिस्थितियां देती है।मानसून के अंतिम दिनों में ऊंचाई पर उत्तर-पश्चिम हवाओं का दबाव बढ़ जाता है। इसके कारण वातावरण में अस्थिरता आ जाती है। धरती पर हवा गर्म और ऊपर ठंडी चलने के कारण ऐसी स्थितियां बनती हैं और बिजली अपेक्षाकृत अधिक आवाज के साथ चमकती है।प्रदेश के छह जिलों में आज (शनिवार) भी भारी बारिश होने की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से देहरादून समेत नैनीताल, चम्पावत, बागेश्वर, चमोली और पिथौरागढ़ जिले में कहीं-कहीं भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी किया गया है। जबकि उत्तरकाशी, टिहरी, रुद्रप्रयाग, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर समेत अन्य जिलों में भी हल्की बारिश होने की आशंका है। केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया, अगले तीन दिन तक प्रदेश के अधिकांश जिलों में मौसम बदला हुआ देखने को मिलेगा। तेज गर्जन और बिजली चमकने के साथ झोंकेदार बारिश होगी।