पत्थरबाजी की घटनाओं के बाद अब नेपाल पुलिस की हरकत ने भारत सरकार को फिर से टेंशन दी है। नेपाल पुलिस ने फोरलेन हाईवे के सर्वेक्षण के लिए गई टीम के 5 सदस्यों को हिरासत में ले लिया। बाद में अधिकारियों की बातचीत के बाद उन्हें रिहा किया गया। उत्तराखंड के चंपावत जिले से यह हैरान करने वाला मामला सामने आया है। भारत से नेपाल सीमा तक फोरलेन हाईवे के सर्वे का काम चल रहा है। हाईवे का सर्वे करने वाली एनएचएआई की पांच सदस्यीय टीम को नेपाल पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) यह हाईवे बना रहा है। बनबसा से नेपाल सीमा तक भारत साढ़े चार किलोमीटर फोरलेन हाईवे का निर्माण कर रहा है। इस हाईवे को नेपाल के दोधारा चांदनी में बन रहे सूखा बंदरगाह से जोड़ा जाना प्रस्तावित है। हाईवे के प्रस्तावित एलाइनमेंट और अन्य गतिविधियों की नापजोख के लिये शनिवार को एनएचएआई की टीम बनबसा से आगे भारत नेपाल सीमा पर पहुंची। पांच सदस्यीय टीम यहां सर्वे कर रही थी कि इसी दौरान नेपाल के कंचनपुर जिले में महेंद्र नगर की पुलिस ने टीम के एक सर्वेयर, तीन हेल्पर और एक चालक को हिरासत में ले लिया।
नेपाल पुलिस ने हिरासत में लिए गये कर्मचारियों को कंचनपुर के सीडीओ गोपाल प्रसाद के समक्ष पेश किया। एसपी कंचनपुर कमल थापा के मुताबिक यह भारतीय नागरिक बगैर अनुमति के नेपाल के 300 मीटर दायरे में सर्वे कार्य कर रहे थे। बाद में दोनों देशों के अधिकारियों की बातचीत के बाद पांचों कर्मचारियों को रिहा कर दिया गया। उधर एसपी चंपावत देवेंद्र पिंचा का कहना है कि यह मामला उनकी जानकारी में है। एनएचएआई की टीम के कुछ कर्मचारियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। नेपाल के अधिकारियों का मानना था कि भारतीय नागरिक बिना अनुमति के उनकी जमीन पर सर्वे कर रहे थे।