भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अमेरिका दौरा 21 जून से शुरू हो रहा है। इस दौरे के बाद माना जा रहा है कि भारत-अमेरिका के रिश्ते एक नए स्तर पर पहुंचेंगे। पीएम मोदी दूसरे भारतीय पीएम हैं जिनका व्हाइट हाउस में राजकीय स्वागत होगा। इसके साथ ही वह अमेरिकी कांग्रेस के ज्वॉइन्ट सेशन को संबोधित करने वाले पहले भारतीय पीएम होंगे। कई विशेषज्ञ मान रहे हैं पीएम मोदी का यह अमेरिका दौरा कई मौकों को भी आगे बढ़ाएगा। विदेश नीति के जानकार मान रहे हैं कि पीएम मोदी का यह राजकीय दौरा दो बड़े लोकतंत्रों के बीच भविष्य पर बड़ा असर डालने वाली होगी। उनकी मानें तो यह दौरा अमेरिका-भारत के रिश्तों को एक नए रास्ते पर लेकर जाएगी। विशेषज्ञ पीएम मोदी के इस दौरे की तुलना सन् 1979 में हुए चीनी नेता देंग जियाओपिंग के दौरे से कर रहे हैं जिसने अमेरिका-चीन के संबंधों को पूरी तरह से बदलकर रख दिया था। जियाओपिंग के अमेरिका दौरे ने पारस्परिक आदान-प्रदान और सहयोग के लिए वह दरवाजा खोल दिया, जिसने चीनी अर्थव्यवस्था को समृद्धशाली बनाने का काम किया था। यह यात्रा चीन-अमेरिका संबंध सामान्य होने के एक महीने से भी कम समय में हुई थी।
पहली बार था जब कोई चीनी नेता अमेरिका का दौरा कर दिया था। इस एतिहासिक दौरे की वजह से दोनों देशों के रिश्तों पर जमी बर्फ पिघल सकी थी। सीसीटीवी के अनुसार, यह सुनिश्चित करने के लिए कि यात्रा निर्धारित समय पर हो, डेंग ने जोर देकर अमेरिका की फ्लाइट को चीनी विदेश मंत्रालय के प्रोटोकॉल विभाग की सलाह के विपरीत उड़ान भरे पर मजबूर किया था। प्रोटोकॉल विभाग ने कहा था कि खराब मौसम के स्थिति के कारण, फ्लाइट को कैंसिल कर देना चाहिए। मगर वह अमेरिका गए और यहां से कई अहम व्यापार समझौतों को आगे बढ़ाया गया