जोशीमठ के विस्थापितों को पीपलकोटी के सेमलडाला मैदान में विस्थापित करने का विरोध शुरु हो गया है। पीपलकोटी के लोगों ने शासन के निर्णय का विरोध किया है। बंड विकास संगठन ने विरोध में जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपाबंड विकास संगठन के अध्यक्ष शंभू प्रसाद सती ने कहा कि सेमलडाला मैदान में ही पीपलकोटी क्षेत्र की विभिन्न गतिविधियां संचालित होती हैं।ब्लॉक, जिला व राज्य स्तर की खेल गतिविधियों का संचालन भी सेमलडाला मैदान से होता है। लिहाजा यहां विस्थापितों को बसाया जाना उचित नहीं है। बंड विकास संगठन के पूर्व अध्यक्ष अतुल शाह ने कहा कि वर्ष 1986 से चल रहा बंड विकास मेला भी सेमलडाला मैदान में लगता है। आपदा के समय इस स्थान पर हेलिकॉप्टर उतारे जाने की सुविधा हैआज से 45-50 साल पहले काश्तकारों से यह कृषि योग्य भूमि सिंचाई विभाग ने विष्णुप्रयाग जल विद्युत परियोजना के लिए अधिग्रहित की थी। परियोजना निर्माण के बाद यह भूमि जेपी कंपनी को हस्तांतरित हो गई थी तब से इस भूमि पर स्थानीय लोगों का कब्जा है। लोगों का कहना है कि पीपलकोटी क्षेत्र के अंतर्गत भी कई गांव भू-धंसाव से ग्रसित हैं जिसमें प्रमुख रूप से गडोरा वार्ड के देवस्थान तोक में राजकीय इंटर कॉलेज के भवन व भूमि भूस्खलन की चपेट में हैं।
भविष्य में विद्यालय को यहां शिफ्ट किया जा सकता है। बंड विकास संगठन के महामंत्री हरिदर्शन सिंह रावत ने कहा कि जोशीमठ के विस्थापितों का पुनर्वास पीपलकोटी में होना संभव नहीं है। यदि जबरन यहां पुनर्वास किया गया तो आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा।स्थानीय लोगों ने सेमलडाला मैदान में जोशीमठ के विस्थापितों को बसाने के विरोध में आंदोलन की रणनीति के लिए 21 जनवरी को बैठक बुलाई है। बंड विकास संगठन के महामंत्री हरिदर्शन सिंह रावत ने क्षेत्र के सभी गांवों के ग्रामीणों को बैठक में शामिल होने के लिए ग्राम प्रधानों के साथ ही नगर पंचायत पीपलकोटी को पत्र भेजे हैं।