प्रदेश में नदियों और खनन पट्टों से उपखनिज शुल्क की दरें घटा दी गई हैं। जिससे खनन सामग्री रेता, बिजरी, पत्थर की कीमतें कम होंगी। जिससे लोगों का घर बनाना सस्ता होगा। निगमों एवं निजी नाम भूमि से उपखनिज शुल्क को लेकर शासन की ओर से आदेश जारी किया गया है।शासन की ओर से विभिन्न दरों में एकरूपता का भी प्रयास किया गया है। इससे सरकारी निगमों के पट्टों से सामग्री के उठान से राजस्व में भी वृद्धि होगी। प्रदेश के वन क्षेत्रों की नदियों से उप खनिज का चुगान गढ़वाल मंडल विकास निगम और कुमाऊंमंडल विकास निगम के पास है।इसके अलावा निजी नाम भूमि से भी रेता, बिजली, पत्थर आदि उप खनिजों का चुगान हो रहा है, लेकिन स्टांप शुल्क, जिला खनिज फाउंडेशन में अंशदान और क्षतिपूर्ति के नाम पर जो शुल्क लिया जा रहा था। उससे निगम क्षेत्र से रेता, बजरी, पत्थर की कीमत निजी नाप भूमि के पट्टों की तुलना में अधिक पड़ रही थी।शासन ने सभी जगह की दरों को एक जैसा करने का प्रयास किया है। इससे राजस्व बढ़ेगा और लोगों को सस्ती दरों पर उपखनिज मिले सकेगा