उत्तराखंड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (यूएसआरएलएम) और पतंजलि कंपनी मिलकर महिलाओं की आर्थिकी सुधारने की दिशा में काम करेंगे। केंद्र सरकार के साथ हुए एमओयू के क्रम में पतंजलि उत्तराखंड से पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसकी शुरुआत करने जा रही है। इसके तहत पतंजलि स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को कई तरह से सहयोग और ट्रेनिंग देगी।अपर सचिव ग्राम्य विकास व यूएसआरएलएम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आनंद स्वरूप की अध्यक्षता में हुई बैठक में अनुबंध के तहत होने वाले विभिन्न कार्यों और गतिविधियों को लेकर चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि यूएसआरएलएम ने अपने उत्पाद का ब्रांड बनाया है। पतंजलि कंपनी जिन उत्पादों की मार्केटिंग और बिक्री करेगी, उनमें मिशन का ब्रांड नेम भी शामिल होना चाहिए। दोनों सहयोगी को-ब्रांडिंग पैटर्न पर सभी उत्पादों की मार्केटिंग और बिक्री करेंगे। यूएसआरएलएम और पतंजलि अपने स्टोर्स पर एक-दूसरे के उत्पादों को बेचेंगे। उन्होंने बताया कि प्रदेश में महिलाओं के उत्पादों की बेहतर प्रोसेसिंग और पैकेजिंग के लिए यूएसआरएलएम ने सूक्ष्म, मध्यम एवं लघु उद्यम (एमएसएमई) के सहयोग से 24 ग्रोथ सेंटर बनाए हैं। इसके अलावा प्रदेश में कई स्थानों पर उत्तरा और सरस विपणन केंद्र भी खोले गए हैं। उन्होंने बताया कि यूएसआरएलएम से जुड़े करीब पांच हजार किसानों को ऑर्गेनिक बोर्ड ने ट्रेनिंग दी
अब इसमें नए किसान जोड़े जाएंगे, जिन्हें पतंजलि ऑर्गेनिक फॉर्मिंग की ट्रेनिंग देगा। इससे महिलाएं बेहतर ढंग से ऑर्गेनिक फॉर्मिंग कर अपनी आजीविका में बढ़ोतरी कर सकेंगी। पतंजलि हर्बल डिविजन रिसर्च इंस्टीट्यूट की हेड डॉ. वेदप्रिया आर्य ने बताया कि यूएसआरएलएम और पंतजलि के बीच उत्तराखंड से पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसकी शुरुआत करने पर सहमति बनी है