भारत के स्टार विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत का शुक्रवार सुबह रुड़की के पास एक्सीडेंट हो गया। उनकी स्थिति फिलहाल गंभीर बताई जा रही है। पंत कार से अपने घर जा रहे थे और हादसे के वक्त अकेले थे।प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, इस दौरान कार के परखच्चे उड़ गए। ऋषभ कार से निकलने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन हालत गंभीर होने के कारण नहीं निकल पा रहे थे। फिर वे वहां से खुद ही किसी तरह बाहर निकले।ऋषभ की गाड़ी में करीब तीन से चार लाख रुपए थे। घटना के बाद सारे रुपये सड़क पर बिखरे पड़े थे। वे वहां तड़पते रहे लेकिन इस दौरान कुछ लोग ऋषभ की मदद करने के बजाय नोट अपनी जेबों में भरने और वीडियो बनाने में मशगूल हो गए। हालांकि पुलिस ने इन सूचनाओं का हरिद्वार पुलिस ने मीडिया सेल पर खंडन किया है। उनका कहना है कि अस्पताल में शुरुआती इलाज के दौरान स्वयं ऋषभ ने बताया था कि एक सूटकेस के अलावा सारा सामान गाड़ी के साथ जल गया है। मौके से प्राप्त नकदी, ब्रेसलेट और चेन उनकी माता को अस्पताल में ऋषभ के सामने ही सौंप दी गई। वहीं दूसरी तरफ ऋषभ की मदद करने के लिए पहुंचे शकरपुर यूपी के युवक रजत का कहना है कि 500 के कुछ नोट बिखरे हुए थे। लोग उन्हें उठा रहे थे।दो युवक इस दौरान मसीहा बनकर सामने आए। रुड़की के सक्षम अस्पताल में जब ऋषभ पंत को भर्ती कराया गया तो इस दौरान दो युवक भी थे। बताया जा रहा है कि कि इनमें से एक युवक रजत निवासी बुच्चा बस्ती शकरपुर, मुजफ्फरनगर का रहने वाला है। वह घटनास्थल से कुछ किलोमीटर दूर आगे लिब्बरहेरी में स्थित उत्तम शुगर मिल में नौकरी करता है।
रजत सुबह के समय बाइक पर अपने गांव के दो अन्य साथियों नीशू और ओम कुमार के साथ सुबह की शिफ्ट में काम करने के लिए जा रहे थे। इसी दौरान उसने दुर्घटना में घायल हुए ऋषभ पंत को पहचान लिया। वहीं, हरियाणा रोडवेज की बस के चालक और परिचालक ने भी उनकी मदद की। डॉ. सुशील नागर ने बताया कि अस्पताल में जब ऋषभ को लाया गया तो दो युवक भी थे। उन्होंने सही समय पर ऋषभ को अस्पताल पहुंचा दिया। डॉक्टर सुशील नागर ने बताया कि भर्ती के दौरान ऋषभ पंत की हालत थोड़ी गंभीर थी लेकिन जैसे-जैसे समय गुजरा तो हालत ठीक होने लगी।इसके बाद ऋषभ पंत को देहरादून स्थित मैक्स हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। बताया गया है कि यहां ऋषभ पंत की प्लास्टिक सर्जरी भी होगी।