प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार सुबह मेघालय के दौरे पर पहुंचे. उन्होंने शिलांग में पूर्वोत्तर परिषद के स्वर्ण जयंती समारोह में शिरकत की. कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजीजू, केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल और जी किशन रेड्डी, पूर्वोत्तर के सभी राज्यों के राज्यपाल और मुख्यमंत्रियों समेत अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे. नॉर्थ ईस्टर्न काउंसिल की गोल्डन जुबली समारोह में पीएम मोदी के सामने परिषद की 50 वर्षों की यात्रा पर एक लघु फिल्म की स्क्रीनिंग की गई. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते 50 वर्षों में पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास में एनईसी के योगदान को उल्लेखित करने वाला स्मारक ग्रंथ ‘गोल्डन फुटप्रिंट्स’ जारी किया. राज्य में 2,450 करोड़ रुपये से अधिक की कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया.
उन्होंने यहां 4 सड़क परियोजनाओं की आधारशिला रखी, जो मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश से होकर गुजरेंगे. मेघालय में टेलीकॉम कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाने के लिए राज्य को 4जी टावर समर्पित किए, जिनमें से 320 से अधिक का काम पूरा हो गया है और करीब 890 निर्माणाधीन है. पीएम ने उमसावली में भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) शिलांग का उद्घाटन किया. शिलांग के मशरूम विकास केंद्र में एक ‘स्पॉन प्रयोगशाला’ और एक एकीकृत मधुमक्खी पालन विकास केंद्र का भी उद्घाटन किया. इसके अलावा, मिजोरम, मणिपुर, त्रिपुरा और असम में 21 हिंदी पुस्तकालयों का भी उद्घाटन उन्होंने शिलांग से ही किया. प्रधानमंत्री मोदी ने शिलांग टेक्नोलॉजी पार्क के फेज 2 की आधारशिला भी रखी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कतर में फीफा वर्ल्ड कप फाइनल का जिक्र करते हुए कहा, आज एक संयोग ऐसा बना है कि जब फुटबॉल विश्व कप का फाइनल खेला जाना है, मैं फुटबॉल मैदान में ही आपसे संवाद कर रहा हूं. उन्होंने कहा, ‘जब फुटबॉल का बुखार हम सभी को जकड़ रहा है, तो मैं फुटबॉल की शब्दावली में ही आपसे बात क्यों न करूं? फुटबॉल के खेल में जब कोई खिलाड़ी खेल भावना के खिलाफ जाता है, तो उसे रेड कार्ड दिखाया जाता है और मैदान से बाहर भेज दिया जाता है. इसी तरह, पिछले 8 वर्षों में हमने पूर्वोत्तर के विकास में कई बाधाओं को रेड कार्ड दिखाया है. भ्रष्टाचार ,भाई भतीजावाद को खत्म करने का काम किया है. हमारे लिए विकास सिर्फ शिलान्यास तक सीमित नहीं रहता, जैसे पहले सिर्फ फीते कटते थे और फोटो खींचती थी. काम नहीं होता था. हम शिलान्यास भी करते हैं और लोकार्पण भी.’