उत्तराखंड में हर साल जंगलों में लगने वाली आग को नियंत्रित करने के लिए वन विभाग ने 500 करोड़ रुपये का एक्शन प्लान तैयार किया है। अगले पांच वर्षों के लिए तैयार की गई योजना लागू होने के बाद वन महकमा हर साल 100 करोड़ रुपये वनाग्नि नियंत्रण पर खर्च कर सकेगा। जरूरत पर वनाग्नि बुझाने के लिए हेलीकॉप्टर तक का इस्तेमाल किया जा सकेगा।
मंगलवार को शासन में हुई बैठक में वन विभाग की ओर से फॉरेस्ट फायर मिटिगेशन प्रोजेक्ट पर प्रस्तुतीकरण दिया गया। इसमें वनाग्नि पर नियंत्रण के लिए कई उपाय सुझाए गए हैं। स्थानीय लोगों की भूमिका को अंकित कर उन्हें ट्रेनिंग संग प्रोत्साहन राशि देने की बात कही गई है। साथ ही महिला और युवक मंगल दलों को भी इससे जोड़ने की बात हुईग्रामीणों के साथ फायर वॉचर को भी आग बुझाने के लिए पहली बार पैसा दिया जाएगा। वन मुख्यालय के मास्टर कंट्रोल रूम को अत्याधुनिक बनाने के लिए कई उपकरणों की खरीद का प्रस्ताव रखा गया है।
पिरूल से जुड़े उद्योगों को प्रोत्साहित किया जाएगा, ताकि वह जरूरत के अनुसार जंगलों से पिरूल उठा सकें।वन विभाग की ओर से तैयार प्रस्ताव पर प्राथमिक तौर पर चर्चा कर ली गई है। इसमें कुछ अन्य बिंदुओं को जोड़ने के लिए कहा गया है। अगली बैठक में इन पर चर्चा की जाएगी। फाइनल ड्राफ्ट तैयार होने के बाद मंजूरी के लिए केंद्र को भेजा जाएगा।