नेपाल में आए भूकंप से ज्यादा तीव्रता के भूकंप का खतरा राज्य में बना हुआ है। लंबे समय से बने गैप के कारण भविष्य में बड़े भूकंप की आशंका गहराने लगी है। वैज्ञानिकों का कहना है कि आने वाले पांच से दस साल में उत्तराखंड में 6 से 7 तीव्रता तक का भूकंप आ सकता है। भूकंपीय विज्ञान में भूकंप की संभावनाओं के लिए उपयोग की जाने वाली गणितीय समीकरणों का परिणाम राज्य में बड़े भूकंप के लिए 90 प्रतिशत तक आंका गया है इसलिए खतरा बरकरार है।
हिमालयन बेल्ट में फाल्ट लाइन के कारण लगातार भूकंप के झटके आ रहे हैं और भविष्य में इसकी आशंका बनी हुई है। इसी फाल्ट पर मौजूद उत्तराखंड में लंबे समय से बड़ी तीव्रता का भूकंप न आने से यहां बड़ा गैप भी बना हुआ है। इससे हिमालयी क्षेत्र में 6 मैग्नीट्यूड से अधिक के भूकंप के बराबर ऊर्जा एकत्र हो रही है।भूकंप विज्ञान में भूकंप की आशंका के लिए गुटनबर्ग रिएक्टर कैलकुलेशन का उपयोग किया जाता है। समय-समय पर इस कैलकुलेशन से भूकंप की आशंका को प्रतिशत में निकाला जाता है। उन्होंने बताया कि राज्य में भूकंप की दृष्टि से कैलकुलेशन के परिणाम बात रहे हैं कि राज्य में 6 से 7 मैग्नीट्यूड तक का भूकंप आने का चांस 90 प्रतिशत है। ऐसे में भूकंप से पहले की तैयारियों को पुख्ता किया जाना जरूरी है।