पहाड़ों में बारिश कहर बरपा रही है। प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के विधानसभा परिसर भराड़ीसैंण के पास शनिवार दोपहर करीब डेढ़ बजे बादल फटा। इससे विधानसभा से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर हेलीपैड का 20 मीटर लंबा किनारा क्षतिग्रस्त हो गया। साथ ही चोरड़ा गांव के जंगल में बांज, बुरांश, फनियाट के सैकड़ों पेड़ मलबे में दब गए। घटना में कोई जनहानि नहीं हुई है। इसके अलावा मल्ला दारमा के ग्राम सोबला तोक झिमीर गांव भेती नाले में बदल फटने से बीआरओ की तवाघाट सोबला सड़क पर भेती नाले में एक बेली ब्रिज बहने की सूचना मिली है। बादल फटने के कारण अचानक धौली नदी और महाकाली का जल स्तर बढ़ गया है। फिलहाल जनहानि की कोई सूचना नही है। धारचूला में भी बादल फटने की खबर है।
चोड़ा की ग्राम प्रधान विनीता देवी ने बताया कि घटना के समय लोग जंगल में जानवरों को चुगाने गये थे। बादल फटते ही उनमें अफरातफरी मच गई। गनीमत रही कि कोई मलबे की चपेट में नहीं आया। पानी के श्रोत भी मलबे में दब गए हैं। प्रधान ने बताया कि हेलीपैड निर्माण के दौरान निकले मलबे का ढेर ही आफत का सबब बना। पानी के साथ बहे इस मलबे ने जंगल को बर्बाद कर दिया है। उपप्रधान देव सिंह ने सरकार से जंगल की सुरक्षा के उपाय करने की मांग की है।