राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से उत्तराखंड में 30 सितंबर तक आयुष्मान कार्ड बनाने का विशेष अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान में नए परिवारों के साथ पुराने परिवारों के छूटे हुए सदस्यों के कार्ड भी बनाए जाएंगे। जिससे उन्हें पांच लाख तक मुफ्त इलाज की सुविधा मिल सके
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष डीके कोटिया का कहना है कि अब तक प्रदेश भर में 47 लाख 44 हजार से अधिक आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं। इसमें 5.22 लाख से अधिक बार लाभार्थी मुफ्त उपचार प्राप्त कर चुके हैं। इस मुफ्त उपचार पर सरकार ने लगभग 880 करोड़ रुपये खर्च किए हैं
जिन परिवारों में एक सदस्य का आयुष्मान कार्ड बना हो और बाकी सदस्यों ने कार्ड नहीं बनाया है तो वे सीएससी सेंटर, अस्पताल में मौजूद आरोग्य मित्र, अन्य एजेंसी यूआईटी में अपने परिजन का पूर्व में बना आयुष्मान कार्ड प्रस्तुत कर अपना कार्ड बनवा सकते हैं। यदि लाभार्थी किसी कारणवश अपने परिजन का आयुष्मान कार्ड साथ नहीं लाया है, तो ऐसी स्थिति में आयुष्मान कार्ड की फोटो प्रतिलिपि व व्हाट्सएप में उसकी फोटो उपलब्ध करवाकर कार्ड बनवा सकता है। पूर्व में बने आयुष्मान कार्ड का नंबर प्रस्तुत करने पर भी आयुष्मान कार्ड बनवाया जा सकेगा।