ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या बड़ी अमावस्या के रूप में जानी जाती है। 12 माह में आने वाली जेठी अमावस्या बड़ी अमावस्या इसलिए भी कही गई है, क्योंकि यह माह 12 माह में बड़ा माह कहलाता है, इसलिए इसका नाम ज्येष्ठ माह है। इस बार ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या 30 मई सोमवार के दिन कृतिका उपरांत रोहिणी नक्षत्र सुकर्मा योग नाग करण वृषभ राशि के चंद्रमा की साक्षी में आ रही है।
इस बार 30 मई को शनि जयंती और सोमवती अमावस्या के महासंयोग के साथ दो खास योग भी बन रहे हैं। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान कर दान पुण्य करने से पुण्य फल प्राप्त होता हैं। सोमवार को लगने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा जाता है। इसका धार्मिक दृष्टि से काफी महत्व है।
माना जाता है कि अमावस्या के दिन व्रत पूजन और पितरों को जल तिल देने से बहुत पुण्य मिलता है। भारतीय प्राच्य विद्या सोसाइटी के प्रतीक मिश्रपुरी के अनुसार भारतीय ज्योतिष शास्त्र में योग नक्षत्र दिवस करण आदि के आधार पर वार त्योहार का महत्व बताया जाता है, अमावस्या तिथि विशिष्ट तिथियों की श्रेणी में आती है, वहीं स्थिति के साथ लगने वाला दिवस इसके महत्व को बढ़ाता है।
Fri May 27 , 2022
सरकार की ओर से अपात्र राशन कार्डधारकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की घोषणा के बाद अपात्र लोग बड़ी संख्या में कार्ड जमा कराने जिलापूर्ति कार्यालय पहुंच रहे हैं। अब तक करीब तीन हजार लोग अपने कार्ड सरेंडर कर चुके हैं। कार्ड सरेंडर करने के लिए डीएसओ कार्यालय में भीड़ जुट […]