अल्मोड़ा। रोडवेज कर्मचारियों का दिसंबर का वेतन आ गया है लेकिन जनवरी के वेतन का भुगतान नहीं हुआ है। जनवरी के वेतन के भुगतान के लिए रोडवेज कर्मचारियों ने मंगलवार को एक घंटा कार्य बहिष्कार कर प्रदर्शन किया। उन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
रोडवेज कर्मचारी दिसंबर और जनवरी के वेतन भुगतान के लिए कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे थे। कर्मचारियों का दिसंबर का वेतन आ गया लेकिन जनवरी का वेतन अभी नहीं आया है। कर्मचारियों ने कहा कि जनवरी के वेतन का भी भुगतान किया जाना चाहिए ताकि कर्मचारियों की समस्या सुलझ सके। उन्होंने कहा कि जनवरी का वेतन न मिलने से कर्मचारी परेशान हैं। बिना वेतन के कर्मचारियों को घर चलाना मुश्किल हो रहा है। घर चलाने, बच्चों की स्कूल फीस, बैंक ऋण की किश्त, एलआईसी की किश्तें चुकाने के लिए कई कर्मचारियों ने उधार लिया है।
दिसंबर का वेतन उधार चुकाने में ही चला जाएगा। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को जनवरी का वेतन न मिलने से काफी दिक्कतें हो रही हैं। कहा कि कोरोना काल में रोडवेज कर्मचारियों ने मुस्तैदी से काम किया लेकिन अब सरकार कर्मचारियों की अनदेखी कर रही है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को जनवरी का वेतन मिलने तक आंदोलन जारी रहेगा। प्रदर्शन में रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष गोविंद प्रसाद टम्टा, शाखा मंत्री राम दत्त पपनै, संरक्षक रमेश जोशी, प्रांतीय कार्यकारिणी सदस्य सुरेश नेगी, हरीश रावत, विशन गिरी, रोहित कुमार, कुंदन लाल, धीरज लटवाल, गिरीश चंद्र आदि थे।
रोडवेज की चार सेवाओं का संचालन स्थगित रहा
अल्मोड़ा। रोडवेज की चार बस सेवाओं का संचालन मंगलवार को भी स्थगित रहा। इससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। रोडवेज डिपो से रोजाना 20 सेवाओं का संचालन होता है। मंगलवार को टनकपुर, धरमघर-दिल्ली, बेतालघाट-दिल्ली, बरेली-बागेश्वर आदि सेवाओं का संचालन स्थगित रहा। बसें स्थगित होने से डिपो को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा। इधर केमू की संचालन व्यवस्था सुधरने से यात्रियों को राहत मिल रही है। रोडवेज, केमू स्टेशन में यात्री बसों का इंतजार करते देखे गए।
बस सेवा ठप, निजी वाहनों के सहारे यात्री
मौलेखाल (अल्मोड़ा)। बकाया वेतन के लिए आंदोलित रोडवेज कर्मियों के कार्य बहिष्कार से कई यात्री परेशान हैं वहीं मौलेखाल-अल्मोड़ा रूट पर दो साल से बस सेवा संचालित नहीं हो रही है। कुछ समय पहले तक इस रूट पर केेमू की एक बस का संचालन किया जाता था, जो अल्मोड़ा-मौलेखाल डाक सेवा के नाम से संचालित होती थी। कोरोना काल में जब काफी हद तक बसों का संचालन ठप हुआ तो इस बस सेवा का संचालन भी रोक दिया गया। तब से इस रूट पर बस सेवा संचालित नहीं हो पाई हैै। बस सेवा न चलने से लोगों को अपने जिले की पहुंचने के लिए चार स्टेशन पर टैक्सी बदलनी पड़ती है। व्यापार मंडल अध्यक्ष घनानंद शर्मा ने बताया कि सल्ट, मौलेखाल से अपने ही जिला मुख्यालय तक आने-जाने के लिए बस सेवा उपलब्ध नहीं है। इससे यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। यात्री निजी टैक्सियों के सहारे हैं। उन्होंने क्षेत्र के लोगों के साथ मिलकर अल्मोड़ा-मौलेेेखाल डाक सेवा को फिर से संचालित करने की मांग की है