उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है. वहीं 14 फरवरी को उत्तराखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.
लेकिन अभी भी कांग्रेस ने अपने सभी उम्मीदवारों के नाम की घोषणा नहीं की है. कांग्रेस की तरफ से 22 जनवरी को उत्तराखंड के लिए 53 प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी की गई थी. पहली लिस्ट में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, कुछ दिनों पहले ही कांग्रेस का दामन थामने वाले हरक सिंह रावत का भी नाम शामिल नहीं था.
बताया जा रहा है कि सोमवार को बाकी बचे हुए 17 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम तय करने के लिए सीईसी की बैठक होगी. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में होने वाली सीईसी की वर्चुअल मीटिंग में उत्तराखंड से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और नेता विपक्ष प्रीतम सिंह रहेंगे.
सूत्रों के अनुसार हरीश रावत के चुनाव लड़ने को लेकर फैसला सिर्फ आलाकमान को लेना है, सूत्रों ने बताया की बैठक में इस बात को लेकर चर्चा हुई थी की रावत पार्टी के सबसे बड़ा चेहरा हैं और उनको ऊपर चुनाव की जिम्मेदारी की भी है ऐसे में वो चुनाव लड़ने की बजाय प्रदेश में चुनाव लड़वाए.
हर विधानसभा सीट के लिए पार्टी ने सर्वे भी करवाए हैं और रामनगर सीट को लेकर पेंच फंसा हुआ है. पार्टी को डर है कि अगर वो अपने सबसे बड़े चेहरे हरिश रावत को रामनगर से मैदान में उतारते हैं तो वहां भीतरघात का सामना करना पड़ सकता है.
प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने मीडिया से कहा कि हम रणनीति के तहत हरीश रावत के चुनाव लड़ने को लेकर कुछ भी खुलासा नहीं कर रहे हैं. जहां तक हरक सिंह रावत का सवाल है तो उन्होंने अपनी बहु के लिए टिकट की मांग पार्टी के सामने रखी है और सीईसी की बैठक में पार्टी बाकी बचे 17 सीटो पर फैसला लेगी.