प्रदेश के पर्वतीय जिलों में आज भारी बारिश होने की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से देहरादून समेत चमोली, नैनीताल और पिथौरागढ़ जिले के कुछ इलाकों में भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी किया गया है। बागेश्वर जिले में भारी से भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। अन्य जिलों में भी कई दौर की तेज बारिश होने के आसार हैं।
देवप्रयाग में गंगा खतरे के निशान से दो मीटर ऊपर बह रही है। सुबह से अलकनंदा नदी के जलस्तर में पांच मीटर की बढ़ोतरी हुई है। देवप्रयाग स्थित श्राद्ध भवन, फुलाड़ी घाट और नमामि गंगे के द्वारा बनाया गया टोडेश्वर घाट नदी में डूब गए हैं। श्रीनगर में भी अलकनंदा का जल स्तर चेतावनी स्तर से ऊपर है। यहां भी घाट डूब चुके हैं।
पूरे प्रदेश भर की बात करें तो सबसे ज्यादा बारिश कुमाऊं के बागेश्वर जिले में हुई है, यहां 721.8 एमएम बारिश हो चुकी है, जो सामान्य बारिश के आंकड़े से 279 फीसदी अधिक है। सबसे कम बारिश की बात करें तो पौड़ी जिले में सबसे कम 189.6 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई, जो सामान्य बारिश से 47 फीसदी कम है। कम बारिश के मामले में दूसरे नंबर पर कुमाऊं का चंपावत जिला है, यहां बृहस्पतिवार तक सिर्फ 184.8 एमएम बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य वर्षा से 38 फीसदी कम है। वहीं, पूरे प्रदेश भर में 22 अगस्त तक 325 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई है, जो सामान्य बारिश से सिर्फ नौ फीसदी अधिक है।
मौसम वैज्ञानिकों ने आने वाले दिनों में कुछ पर्वतीय जिलों में मूसलाधार बारिश होने की आशंका जताई है। जिसके चलते संवेदनशील इलाकों में भूस्खलन होने के साथ नदियों का जलस्तर बढ़ सकता है। हिदायत देते हुए कहा, संवदेनशील इलाकों में बारिश के दौरान दिन के साथ रात के समय में भी सतर्कता से रहें। खासकर चारधाम यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों को यात्रा के दौरान सावधानी से चलने को कहा गया है। इसके लिए मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से सलाह दिए गए हैं।