लैंसडौन गढ़वाल *** रक्षा मंत्रालय ने छावनी परिषद को शुल्क नहीं लेने के दिए निर्देश,,, अब लैंसडौन आने वाले पर्यटकों और क्षेत्र के लोगों को प्रवेश शुल्क नहीं देना पड़ेगा। रक्षा मंत्रालय ने छावनी परिषद को प्रवेश शुल्क नहीं लेने के निर्देश जारी किए हैं। निर्देश के बाद छावनी क्षेत्रों में प्रवेश के लिए लागू वाहन शुल्क समाप्त कर दिया है।
छावनी बोर्ड के निवर्तमान सदस्य डॉ. एसपी नैथानी और राजेश ध्यानी ने बताया कि वर्ष 2006 में लागू नए छावनी एक्ट में टोल टैक्स की जगह वाहन शुल्क लिए जाने की व्यवस्था की गई थी। वर्ष 2012 से छावनियों में वाहनों के प्रवेश पर शुल्क लिया जाने लगा था। वर्तमान में छोटे-बड़े वाहनों के हिसाब से 50 से 200 रुपये तक प्रवेश शुल्क लिया जा रहा था। छावनी परिषद के सहायक अभियंता एसवीएस राना ने बताया कि रक्षा मंत्रालय से प्राप्त आदेश के बाद लैंसडौन छावनी में प्रवेश के लिए जयहरीखाल और डेरियाखाल में दो जगह बैरियर स्थापित किए गए थे। अब दोनों बैरियरों पर वाहनों के प्रवेश पर शुल्क नहीं लिया जा रहा है। दोनों बैरियरों से छावनी बोर्ड को सालाना करीब 55 लाख रुपये की आमदनी हो रही थी। वाहनों से लिए जाने वाले प्रवेश शुल्क के बंद करने के निर्णय का क्षेत्रवासियों और पर्यटकों ने स्वागत किया।